Main Menu
Understanding ROP, its
causes and symptoms
ROP बिमारी में आंसू के पर्दे की खून की नसें या बनती नहीं या खराब तरीके से बनती हैं और आगे चलकर पर्दे को अपनी जगह से हटा सकती हैं जिससे बच्चा अंधा/ नजर कम हो सकती हैं।
आंख का पर्दा आंख के पिछले हिस्से में होता है जो हम बाहर से नहीं देख सकते। (अगर आपने आंख चैक कराई है तो एक दवाई डाली जाती है जिसके बाद धुंधला दिखता है। वो पर्दा चैक करने के लिए होती हैं।)
पर्दा बाहर की आकृति/ रोशनी को इकट्ठा करता है और आंख की नस की सहायता से जानकारी मस्तिष्क को पहुंचाता है जिसकी वजह से हम देख पाते हैं
जो बच्चे 34 हफ्ते से पहले पैदा हुए हो/ 2000gm से कम वजन या कोई भी नवजात शिशु जिसे जन्म के बाद इलाज की जरूरत पड़ी हो
हां ROP के जैसी पर्दे की तकलीफ़ अगर पैदा होती है उन्हें NICU में रहना पड़ा हो और stormy course रहा हो 02 खून चढ़ाने इत्यादि।
बाहरी दुनिया मां के गर्भ से बिल्कुल अलग होती हैं। जैसे की O² की मात्रा बच्चे में 30-70 होती हैं और बाहरी दुनिया में जीने के लिए 90-100 होती है पर अगर बच्चे के सारे अंग नहीं बने तो यही O² इसको नुकसान पहुंचातीं है।
तेज रोशनी, तापमान जिससे पर्दे के खून की नसों के सामान्य बनना में रुकावट आती हैं।खासकर अगर बच्चे की जान बचाने के लिए इलाज की जरूरत पड़े जैसे की O², खून या ज्यादा दवाई।
गर्भ में पर्दा 40 हफ्ते यानी 9महीने के करीब पूरा होता है तो जाहिर सी बात है कि अगर बच्चा पहले पैदा हुआ है तो पर्दा तो नहीं ही बना होगा जिसे अब बिल्कुल ही अलग वातावरण में बनना है जो कि अपने आप में एक बहुत बड़ा चैलेंज है
2 से 3 हफ्ते या पैदा होने के 30 दिन के अंदर
ROP Screening द्वारा
इसको आंख के डाक्टर द्वारा जांच कराई जाती है। इसमें आंख की पुतली/तारे को दवाई द्वारा फैलाया जाता है फिर I/O या कैमरे द्वारा पर्दा देखा जाता है।
कैमरा द्वारा चित्रें प्रशिक्षित कर्मचारी द्वारा ली जाती है।
तकरीबन 1:30 से 2 घंटे
नहीं केवल D असहज थोड़ी असुविधा, इसलिए बच्चा रोता, इस जांच के दौरान बच्चे के रोने को हम स्वस्थ समझते है। इस नपर को अच्छा मानते हैं।
नहीं, क्योंकि आंख को खोलकर, जांच करने के लिए एक SPECULUM (नेत्र वीक्षक) लगाया जाता है जिसका निशान आंख पर थोड़ी देर रहता है
किसी किसी बच्चे में 1आंख लाल रह सकती हैं।
किसी किसी बच्चे में हृदय गति में बदलाव आ सकता है जो अधिकतर स्वत: ही ठीक हो जाती हैं।
पहली जांच के दौरान पता चलता है कि पर्दा कितना बना है उसी के अनुसार 2 से 6-8 बार करवानी पड़ती है।
पर्दे की स्थिति के हिसाब से ये बात डाक्टर तय करता है, 5दिन, 1 हफ्ता, 2 हफ्ता या महिना ये valuable होता है।
नहीं, कोई भी नहीं ना, मां बाप, बच्चे के डाक्टर या अन्य कोई। आंख के डाक्टर भी केवल जब दवाई डालकर पुतली फैलाती है जब पर्दा दिखाई देता है
इसमें नाही आंख लाल होती है ना पानी आता है
आंख पर सफेदी तब आती है जब पर्दा बिल्कुल खराब हो चुका हो।
“Zero Blindness, Healthy Nation”
Quick Links
Contact
699/6 Shastri Nagar
Near Rangoli vivah mandap
Garh road Meerut 250004 UP
+917599661010
[email protected]
+917599661010
[email protected]